Dhanteras,धनतेरस,कई शुभ संयोग इस बार के धनतेरस पर्व को खास बनाएंगेः श्रीमहंत नारायण गिरिDhanteras,धनतेरस,कई शुभ संयोग इस बार के धनतेरस पर्व को खास बनाएंगेः श्रीमहंत नारायण गिरि

Dhanteras,धनतेरस,कई शुभ संयोग इस बार के धनतेरस पर्व को खास बनाएंगेःश्रीमहंत नारायण गिरि

Dhanteras, many auspicious coincidences will make this Dhanteras festival special: Shri Mahant Narayan Giri

Dhanteras,पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 48 मिनट से शाम 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा
स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें

Dhanteras,शास्त्रों के अनुसार इस साल धनतेरस का दिन काफी खास है, क्योंकि कई ग्रहों की स्थिति में बदलाव हुआ है, ऐसा संयोग 59 वर्ष के बाद बना है। शुक्रवार को धनत्रयोदशी के साथ शुक्र प्रदोष और विष कुंभ योग का महासंयोग एक साथ हो रहा है। ऐसे में यदि वृषभ लग्न के दौरान कोई काम किया जाए तो उसमें ठहराव आता है, इस समय में सोना चांदी या किसी भी चीज की खरीदारी करना इस दिन बेहद शुभ और फलदायी साबित होगा।

श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूनाइटिड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने देशवासियों को धनतेरस की बधाई व शुभकामनाएं दीं। Dhanteras,

इसके अलावा इस समय में माता लक्ष्मी की पूजा से माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी। धनतेरस पर्व पर इस दिन काले या गहरे रंग की चीज़ें, चीनी मिट्टी से बनी चीज़ें, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीज़ें नहीं खरीदनी चाहिए। धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परम्परा भी है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर से नकारात्मकता दूर होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

उन्होंने कहा Dhanteras,धनतेरस पर भगवान राम, माता लक्ष्मी व भगवान दूधेश्वर की कृपा सभी पर बरसेगी और सभी के जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि व आरोग्यता आएगी श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि धनतेरस से ही पांच दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरू हो जाती है।

शुक्रवार को धनतेरस है और इस इस पर्व पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे पर्व का महत्व और भी बढ गया है। इन शुभ संयोग के कारण लोगों को विशेष लाभ होगा, इस पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि इसी दिन आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के रूप में अवतार लिया था। पुराणों के अनुसार समुद्र मन्थन के दौरान धन्वन्तरि इसी दिन अमृत पात्र के साथ प्रकट हुए थे।

मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है। अतः आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धनतेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और भगवान विष्णु के अवतारों में से एक माने जाते हैं,उनके अमृत पात्र के साथ अवतरित होने के कारण ही इस पर खरीदारी खासकर बर्तनों की खरीदारी बहुत शुभ मानी जाती है।

इस दिन सोना-चांदी सहित अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस साल धनतेरस का दिन काफी खास है, क्योंकि कई ग्रहों की स्थिति में बदलाव हुआ है, ऐसा संयोग 59 वर्ष के बाद बना है। शुक्रवार को धनत्रयोदशी के साथ शुक्र प्रदोष और विष कुंभ योग का महासंयोग एक साथ हो रहा है। ऐसे में यदि वृषभ लग्न के दौरान कोई काम किया जाए तो उसमें ठहराव आता है, इस समय में सोनाए चांदी या किसी भी चीज की खरीदारी करना इस दिन बेहद शुभ और फलदायी साबित होगा। इसके अलावा इस समय में माता लक्ष्मी की पूजा से माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी।

Dhanteras, धनतेरस पर्व पर इस दिन काले या गहरे रंग की चीज़ें, चीनी मिट्टी से बनी चीज़ें, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीज़ें नहीं खरीदनी चाहिए। धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परम्परा भी है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर से नकारात्मकता दूर होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।,Dhanteras,

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