फर्जी कम्पनियों के गिरोह का भंडाफोड़।
Gang of fake companies busted
धारदार हथियार साबित हुआ डेटा एनेलिटिक्स।
दिल्ली आयुक्तालय ने 30 फर्जी कम्पनियों के रजिस्ट्रेशन एक ही पते पर पाये
फर्जी कम्पनियों के रजिस्ट्रेशन के खिलाफ सीजीएसटी दिल्ली पश्चिम आयुक्तालय ने विशेष अभियान में 30 से अधिक फर्जी फर्मों के गिरोह का भंडाफोड़ किया और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
दिल्ली का ही एक व्यक्ति शिवा लोगों को लोन दिलाने के बहाने उनसे उनके केवाईसी करेडेंशियल ले लेता था और उन्हें आगे अन्य फर्मो को बेच देता था।
करोड़ों के हेर-फेर के अपराधी शिवा नाम के व्यक्ति को गिरफतार कर लिया गया है।
सीजीएसटी दिल्ली क्षेत्र के तहत सीजीएसटी दिल्ली पश्चिम आयुक्तालय ने फर्जी पंजीकरण के खिलाफ विशेष अभियान के अंतर्गत जांच के तहत एक इकाई के विश्लेषण पर पाया कि एक ही पते पर कई संस्थाएं पंजीकृत हैं।
जिसमें सत्यापन के दौरान उक्त पता मौजूद पाया गया था।
लेकिन उक्त परिसर के मालिक ने किसी भी फर्म के अस्तित्व के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया।
आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण से पता चला कि उक्त पते से माल की कोई आवाजाही नहीं हुई थी।
डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके दिल्ली में कई स्थानों पर खोज की गई और ये पाया गया कि शिवा नाम का एक व्यक्ति ऋण स्वीकृत कराने के बहाने लोगों से केवाईसी क्रेडेंशियल प्राप्त कर रहा है और बाद में फर्मों को बेच रहा है।
आगे की खोज से पता चला कि शिवा ने 30से अधिक फर्जी फर्में बनाई हैं और उन्हें प्रीमियम पर नकद में बेचा है।
उसने यह भी कहा कि भौतिक सत्यापन से बचने के लिए, उसने इन जीएसटी पंजीकरणों को प्राप्त करने के लिए आधार प्रमाणीकरण का उपयोग किया।
इन कई कंपनियों को 50 करोड़ से अधिक की अयोग्य आईटीसी प्राप्त करने/आगे बढ़ाने का दोषी पाया गया। तदनुसार, शिवा ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 का उल्लंघन किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आगे की जांच जारी