मौत के बाद इरफान पर्दे पर, आखिरी फिल्म 29 जून को रिलीज

Irfan on screen after death, last film to release on June 29

अपनों की बेवफ़ाई में इरफान के साथ महिमा की मुख्य भूमिका में

बप्पी लाहिड़ी के संगीत और प्रकाश भालेकर के निर्देशन में पीयूष शाह लेकर आये हैं “अपनों की बेवफ़ाई”

पान सिंह तोमर’ में श्रेष्ठ अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय पुरुस्कार और भारतसरकार से 2012 में पदमश्री अवार्ड पाने वाले नायाब कलाकार इरफान की आखिरी फिल्म ” अपनों की बेवफाई ‘ कल 29 जून को रिलीज होने जा रही है।

अपनी मौत से पहले एक प्रेस वार्ता में अपनी इस आखिरी फिल्म ‘अपनों से बेवफाई ‘के मुत्तलिक हुई चर्चा करते हुए इरफ़ान का कहना था-कुछ सब्जेक्ट आपके ज़ेहन का हिस्सा बन जाते हैं उन्ही में से मेरी यह फिल्म है .दरअसल संवेदनाओं से लबालब फिल्मों की एक क्लॉस बन जाती है जिसकी वजह से उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिलती .मुझे उम्मीद है कि इस फिल्म का दर्द ऑडियंस ज़रूर समझेगी .”

इरफान की इस फिल्म की कहानी एक फिल्मी हीरो की कहानी है जिसे ज्यादा पैसा कमाने की लत में मिली ‘अपनों की बेवफाई ‘

पैसा ज़िंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है उसके बिना ढंग से जीवन यापन नहीं किया जा सकता. इस कटु सच्चाई को हम झुठला नहीं सकते .मगर कम समय में और गलत तरीकों से ज्यादा पैसा कमाए जाने का कभी कभी इतना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है कि खासी दुनियां और अपने बेगाने तक हो जाता हैं यही मर्म है निर्माता पियूष शाह और अष्ठविनायक इंटरप्राइसेस कृत फिल्म ‘अपनों से बेवफाई ‘.सार्थक सिनेमा के पक्षधर और बामक़सद फिल्मों के दिग्गज अभिनेता इरफ़ान की इस आखिरी फिल्म का.

विशाल मुम्बईया फिल्मों का एक बेह्तरीन एक्टर है मगर उसके बड़े बड़े ख्वाब और कम समय में सुपर स्टार बनने की चाह और झटके में अमीर बनने के नशे को कुदरत का ग्रीन सिंग्नल नहीं मिला लम्बे चौड़े खर्चों की वजह से उसकी ज़िंदगी एक हाशिये पर आकर रुक जाती है .जिसकी वजह से उसका फ्रस्टेशन बढ़ जाता है आखिरकार ज्यादा पैसा कम समय में कमाने की लत में वो गलत रास्ता इख्तियार कर लेता है. विशाल की पत्नी और बच्चे उसे गलत काम करने से रोकते हैं मगर वह किसी की नहीं सुनता जिसके परिणाम स्वरुप उसे अपने हँसते खेलते परिवार को छोड़ना पड़ता है लगातार बीमारी और फिर लकवा और अंततःउसे यह महसूस होने लगता है कि ‘अपनों की बेवफाई’ही उसे जीवन में हाथ लगी .यूँ तो इरफ़ान ने बतौर एक्टर हिंदी फिल्मों में एक से एक नायाब फ़िल्में की हैं जिनमें हांसिल , मक़बूल ,पानसिह तोमर हिंदी मीडियम दर्शकों और आलोचकों की गैलरी में सफल रही हैं .उन्हें फिल्म’ पान सिंह तोमर’ में श्रेष्ठ अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय पुरुस्कार और भारतसरकार ने २०१२ पदमश्री से भी उन्हें नवाज़ा गया

अपनों से बेवफाई निर्माता पियूष शाह की ड्रीम फिल्म है जो 29 जून २०२३ को सर्वत्र रिलीज़ हो रही है .इससे पूर्व पियूष शाह हिंदी, मराठी भोजपुरी और अंग्रेजी फ़िल्में बनाकर रिलीज़ कर चुके हैं .वह सुस्थापित निर्माता हैं .जिनमें अग्नि चक्र मेरी मज़बूरी ,आपले संस्कार , आपला हाथ जगन्नाथ एक बिहारिन सब पे भारी उल्लेखनीय हैं . उनके अनुसार-” मैं बहुत प्रोफेशनल प्रोडूसर हूँ .फिल्म इंडस्ट्री के रुख और नब्ज़ को ध्यान में रखकर फ़िल्में बनाता हूँ मेरी यह मार्केबल फिल्म है जो ऑडीयंस को पसंद आएगी ऐसा मेरा विश्वास है “.

‘अपनों से बेवफाई ‘के लेखक निर्देशक किसी परिचय के मौहताज़ नहीं हैं बरसों मराठी नाट्य से जुड़े रहे कभी लेखक तो कभी निर्देशक के रूप में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है .गोलमाल ,चागुन, गप्पा टप्पा जयराम डिटेक्टिव मराठी धारावाहिकों के अतिरिक्त प्रकाश भालेकर ने आयला लाच्या, झाला रे ,गोतवला ,गंधाली और पेज मराठी फिल्मों का लेखन निर्देशन किया है .जो सफल रही हैं .
अपनों से बेवफाई बतौर लेखक और निर्देशक उनकी पहली हिंदी फिल्म रही है .उनके स्टोरी नरेशन और बढ़िया विजनरी होने की वजह से इरफ़ान जैसे अलग थलग कलाकार के साथ फिल्म करना संभव हो पाया .बकौल प्रकाश भालेकर के ..इरफ़ान की अपनों से बेवफाई महज फिल्म नहीं सच्चाई है .वह समर्पित और सहज और नेचुरल अभिनेता थे उनके साथ मेरे बड़े सुखद अनुभव रहे काश मैं कुछेक फ़िल्में कर पाता .”
अपनों से बेफवाई में इरफ़ान की मुख्य भूमिका के अतिरिक्त महिमा, आर्यन ,पायल ,राज गौतम. ऐनी वसंशिका की भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं .डी .औ .पी .चन्द्रिका प्रसाद ,गीत इब्राहिम अश्क़ और संगीत बप्पी लाहिरी का है.

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