IAEA, पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव या उत्सर्जन नहीं हुआ-IAEA
IAEA, There has been no radiation leak or emission from any nuclear facility in Pakistan: IAEA
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों से कोई रेडियोधर्मी घटना नहीं हुई-अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण
” यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया की अटकलों और विदेशी मीडिया के सिद्धांतों के बाद आया है”- IAEA
IAEA, आपरेशन सिंदूर के बाद से पूरे विश्व में गर्म चर्चा है कि आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में परमाणु लीक हुआ है जिस कारण युद्ध विराम की स्थिति पैदा हुई, खासतौर पर विश्व भर में सोशल मीडिया पर हो रही चर्चाओं को निरस्त करते हुए अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण(IAEA) जोकि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र पर काम करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था है , IAEA ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ है, साथ ही उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि भारतीय हमलों में किराना हिल्स को निशाना बनाया गया था।
IAEA की इस घोषणा के बाद पाकिस्तान में किराना हिल्स पर हो रहे परमाणु विकिरण के रिसाव की अटकलों पर स्वत:ही पूरी तरह विराम लग जाता है।
भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी इन दावों का खंडन किया है, परमाणु आपात स्थितियों से जुड़े अमेरिकी और मिस्र के विमानों के देखे जाने के बाद अटकलें बढ़ गई थीं, लेकिन इन्हें असत्यापित किया गया और सैन्य स्रोतों द्वारा निराधार अफवाहों के रूप में खारिज कर दिया गया।
पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव या उत्सर्जन नहीं हुआ है, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा है, साथ ही उन व्यापक रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया है जिनमें दावा किया गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के सरगोधा में किराना हिल्स पर हमला किया था, जिससे रेडियोधर्मी घटना हुई।
IAEA के अनुसार उनको उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव या उत्सर्जन नहीं हुआ था।” यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया की अटकलों और विदेशी मीडिया के सिद्धांतों के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि हवाई हमलों के दौरान पाकिस्तान में परमाणु भंडार को निशाना बनाया गया था।
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण एक स्वायत्त विश्व संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शान्तिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है।
यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है। इस संस्था का गठन 29 जुलाई, 1957 को हुआ था। इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है।