खाओ पियो और, लगाओ लाईन, नहीं तो भुगतो फाईन

Khao pio-Eat and drink, line up, otherwise you will be fine

सफाई की आदत नहीं अपनाई,
तो लो जी, अब शामत आई

हरिद्वार 1जुलाई अब जल्दी ही लोगों को एक नई लाईन लगाने की आदत को अपने दैनिक रुटीन में शुमार करना होगा।
वैसे देखा जाए तो ये लाईन आपकी कुछ बुरी आदतों का दंड़ है जिसका भुगतान करना ही होगा और ना किया तो आर्थिक दंड तो भुगतना ही पड़ेगा।
तो तैयार हो जाईए इस नई अनोखी लाईन के लिए क्योंकि इस लाईन से जुडी है आपकी जेब या फिर देखें कितनी करोगे आप ला-परवाही।
तो आईये जानते हैं इस नई अनोखी लाईन के बारे में।
जनपद हरिद्वार में जल्द ही दिखाई देने वाली ये लाईन हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह गबर्याल की आज्ञा से लगने वाली है।
आप चिप्स का पैकेट खरीदें,कोल्ड ड्रिंक, पानी की बोतलें, शैंपू अन्य उत्पादों की पाउच, बोतलें, एल्यूमीनियम और ग्लास पैकेजिंग आदि कुछ भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक जिन्हें इस्तेमाल के बाद सरे राह कहीं भी फेंक देना अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं तो अब यदि ऐसा किया तो जेब पर भारी पड़ेगा, क्योंकि इस तरह की तमाम चीजों को खरीदते समय ही आपसे शत-प्रतिशत रिफंडेबल ग्रीन डिपॉजिट का भुगतान ले लिया जायेगा और इन वस्तुओं के खाली पैकेट पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर आपको आपका शत-प्रतिशत अतिरिक्त वसूला गया पैसा वापिस मिल जायेगा।

इसी वसूली के लिए आपको लगानी होगी लाईन, हां ये भी हो सकता है कि कलैक्शन केन्द्रों की संख्या पर्याप्त हो तो आपका समय बच जायेगा।
अब अगर कूड़ा-करकट इधर उधर फेंकने की बुरी आदत पर नियंत्रण रखते तो भला इस लाईन की क्या जरूरत थी।
बहरहाल

हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किये जाने और प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट रूल के अन्तर्गत डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम को लागू किये जाने के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।

बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम(डीआरएस) के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम(डीआरएस) के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट रूल के अन्तर्गत इस प्रणाली को पूरे हरिद्वार में लागू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि डिजिटल डीआरएस योजना चिप्स पैकेट, कोल्ड ड्रिंक, पानी की बोतलें, शैंपू अन्य उत्पादों की पाउच, बोतलें, एल्यूमीनियम और ग्लास पैकेजिंग आदि पर लागू किया जायेगा।

इसके तहत पानी की बोतल और अन्य उत्पादों के वितरकों के बीच क्यूआर कोड वितरित किए जाएंगे।

इन क्यूआर कोड को डीआरएस योजना के तहत विभिन्न उत्पादों की पैकेजिंग पर चिपकाया जाएगा।

डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि खरीददारी करते समय ग्राहक को शत-प्रतिशत रिफंडेबल ग्रीन डिपॉजिट का भुगतान करना होगा जो कि खाली पैकेजिंग सामग्री लौटाते समय क्यूआर कोड को स्कैन करने पर वापस मिल जाएगा।

इस तरह पैकेजिंग सामग्री को बिना प्रदूषित करते हुए वापस रिसाइकिल करना सम्भव हो पाएगा और कचरे का जिम्मेदार निपटान सुनिश्चित रूप से हो सकेगा।

उन्होंने आगे बताया कि खाली पैकेजिंग को लौटाने के लिए पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर संग्रह केंद्र स्थापित किए जाएंगे जिससे नागरिकों को अपने नजदीकी केंद्र में पैकेजिंग लौटाने में आसानी होगी।

बैठक में धीराज सिंह गर्ब्याल ने प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट के अन्तर्गत डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम को जनपद में लागू करने के सम्बन्ध में अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिये।

इस पांच सदस्यीय कमेटी में मुख्य नगर आयुक्त हरिद्वार दयानन्द सरस्वती सदस्य सचिव होंगे, कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्दी ही प्रस्तुत करेगी।

उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि व्यापार मण्डल आदि के प्रतिनिधियों के साथ भी डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम की जानकारी देने के लिये एक बैठक का आयोजन किया जाये।

बैठक में एमएनए दयानन्द सरस्वती ने बताया कि इस प्रणाली को उपयोग में लाने के लिए जल्द ही अभिरूचि की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट) जारी किया जायेगा।

इस अवसर पर एसडीएम पूरण सिंह राणा, एमएनए रूड़की विजयनाथ शुक्ल, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, कार्यकारी अधिकारी जिला पंचायत महेश कुमार विश्नोई ईओ झबरेड़ा, सुल्तानपुर, नगरपालिका परिषद।

लक्सर, ढंण्ढेरा, पाडली गुर्जर, ईमलीखेड़ा, कलियर, शिवालिकनगर, डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम के अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे। देखें वीडियो:-

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