मा0 सीएम के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन का प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा हिट

डीएम ने आज फिर तीन अनाथ-असहाय बेटियों की पढ़ाई को प्रदत्त किये 97955 धनराशि के चैक।

अब तक 11 बालिकाओं की हो चुकी है, स्कूल, स्नातक, स्नात्कोत्तर पुनः आरंभय 20 और बेटियों का चयन भी इसी माह

निर्धन, असहाय और अनाथ बेटियों ही हैं हमारे लिए पूजनीय नंदा-सुनंदा

जनता दर्शन, बहुउद्देशीय शिविर, क्षेत्र भ्रमण के दौरान ऐसी समस्त बालिकाओं को खोजकर निकालें मेरे फील्ड अधिकारीः डीएम

वरदान साबित हो रही जिलाप्रशासनक की अभूतपूर्व पहलय सवर रहा बेटियों का भविष्य।

हर हफ्ते होगी कोई न कोई नंदा-सुनंदा बेटी सशक्त,सुदृढ

देहरादून। मा0 सीएम के मार्गदर्शन एवं जिला प्रशासन की नई पहल नंदा सुनंदा योजना निर्धन, असहाय और अनाथ बेटियों की पढ़ाई और कौशल विकास के लिए वरदान साबित हो रही है। जिला प्रशासन का प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा 2.0 बेटियों की पढाई की चिंगारी को भव्य रूप देना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को तीन और असहाय बेटियों की पढ़ाई के लिए 98 हजार की आर्थिक सहायता धनराशि वितरित की। नंदा सुनंदा योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 11 बेटियों की पढ़ाई और कौशल विकास के लिए आर्थिक सहायता जारी की जा चुकी है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि गरीब, अनाथ, असहाय और विषम परिस्थितियों रह कर पढ़ने और आगे बढ़ने की इच्छा और सोच रखने वाली बेटियां ही हमारे वास्तविक जीवन की नंदा और सुनंदा देवी है। कठिन परिस्थितियों में रहकर भी ये बेटियां खुद और अपने परिवार को सशक्त बनाना चाहती है। जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री का भी यही संकल्प है कि समाज के ऐसे कमजोर वर्गाे को सशक्त और सुदृढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाए। कहा कि नंदा सुनंदा योजना में कमजोर वर्ग की बालिकाओं के चयन के लिए जिला स्तर पर समिति गठन के साथ एसओपी तैयार की गई है। बालिकाओं का चयन जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों में जनपद में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के माध्यम ये प्राप्त प्रार्थना पत्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन बालिका गृहों में निवासरत बालिकायें, जनपद की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से सर्वे के आधार पर किया जा रहा है और असहाय बालिकाओं की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही उनको समाज की मुख्यधारा जोडा जा रहा है।

जनपद में प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ के तहत आज जिलाधिकारी सविन बंसल एवं मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने 03 बालिकाओं को संयुक्त रूप से रू0 97955 की धनराशि का चौक वितरण किया। जिसमें अस्मित कौर, त्रिशा कण्डारी और खुशबू शामिल है। इन बालिकाओं का चयन उनकी विषम परिस्थितियों और गरीबी को देखते हुए किया गया। बालिका अस्मित कौर को कक्षा-4 की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्चुलेर हेइम विद्यालय देहरादून के खाते में रु0-12250 की धनराशि प्रदान की गई। बालिका त्रिशा कण्डारी को कक्षा-7 की पढ़ाई के लिए न्यू दून ब्लोसम स्कूल देहरादून में प्रवेश हेतु रु0-63480 की धनराशि और बालिका खुशबू को श्री गुरू राम राय विश्व विद्यालय से बीएसी की पढ़ाई के लिए रु0-22225 की आर्थिक सहायता धनराशि विद्यालय के खाते में डाली गई।

आर्थिक तंगी और पारिवारिक त्रासदी के कारण जिन बालिकाओं को अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ रही है उन बालिकाओं के लिए जिलाधिकारी की यह अभिवन पहल नंदा सुनंदा वरदान साबित हो रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में फंड की कमी नही होने दी जाएगी। जो भी बालिकाएं आर्थिकी तंगी से जुझ रही है वही हमारे जीवन की असली नंदा सुंनदा है। ऐसी बेटियों की पढ़ाई एवं सहायता के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

नैनीताल जिले के जिलाधिकारी रहते हुए संविन बंसल ने नंदा-सुनंदा योजना की शुरुआत की। नैनीताल में उन्होंने 60 बालिकाओं को शैक्षणिक विकास में समृद्ध, सशक्त, सुदृढ़ बनाकर भविष्य को संवारने का काम किया। देहरादून जनपद में भी योजनाओं की शुरुआत कर जिलाधिकारी सविन बंसल जरूरतमंदों बेटियों का भविष्य की उम्मीद जगाने का काम में जुटे है। अभी तक 11 असहाय बालिकाओं की पढ़़ाई को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर चुके है और गरीब अनाथ, असहाय बालिकाओं स्नातक, स्नात्तकोत्तर एवं कौशल शिक्षा की जिम्मेदारी उठाते बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, डीपीओ (आईसीडीएस) जितेन्द्र कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी और बालिकाओं के परिजन मौजूद थे।

 

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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