हरिद्वार। जिला मुख्यालय विकास भवन के सभागार में ‘‘गोहेम्प एग्रोवेंचर्स‘‘ द्वारा ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना एवं एनआरएलएम के तत्वावधान में हेम्प (भांग) के जागरूकता, दुरुपयोग और आजीविका साधन बनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हरिद्वार के माननीय सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने पुष्पगुच्छ भेंट कर माननीय सांसद का स्वागत किया।

कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में माननीय सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भांग (हेम्प) की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिमालय का यह बहुपयोगी पौधा रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए कच्चा माल प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि भांग के प्रत्येक भाग का अलग-अलग उपयोग हैकृपत्तियाँ आयुर्वेदिक दवाओं में, बीज चटनी और तेल के लिए, रेशे कपड़े और रस्सी निर्माण में, लकड़ी भवन निर्माण के लिए तथा कागज, बायोप्लास्टिक, इंसुलेशन और बायोडीजल जैसे उत्पादों में इसका प्रयोग होता है। हेम्प से 500 से अधिक प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं और इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाइयाँ भी बनाई जा सकती हैं।

सांसद महोदय ने अपने संबोधन में पीपल, बरगद और नीम जैसे वृक्षों के महत्व पर भी बल दिया और इन्हें अधिक से अधिक संख्या में रोपने की अपील की। उन्होंने हेम्प कलेक्शन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सात महिलाओं को सम्मानित भी किया और हेम्प से बने उत्पादों का अवलोकन कर उनकी सराहना की।

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने अपने संबोधन में गोहेम्प स्टार्टअप के कार्यों की सराहना करते हुए इसे महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि गोहेम्प स्टार्टअप के माध्यम से महिलाओं को हेम्प आधारित उत्पादों के निर्माण, प्रसंस्करण और विपणन में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है, बल्कि उनके सामाजिक स्तर में भी वृद्धि हो रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि हेम्प से बनने वाले उत्पाद पर्यावरण-अनुकूल (ईको-फ्रेंडली) होते हैं, जो प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने और प्रदूषण को कम करने में सहायक हैं। हेम्प उत्पादों का निर्माण पारंपरिक सामग्रियों के स्थान पर किया जा सकता है, जिससे वनों की कटाई कम होगी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्य विकास अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन इस पहल को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगा, ताकि हरिद्वार जिले में स्थायी विकास और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।

गोहेम्प एग्रोवेंचर्स के संस्थापक गौरव दीक्षित और नम्रता कंडवाल ने बताया कि अथर्ववेद में भांग को धरती के पाँच सबसे महत्वपूर्ण पौधों में से एक माना गया है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जहाँ इसे वैध रूप से उगाने का लाइसेंस लिया जा सकता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं का सृजन हो सकता है। उन्होंने बताया कि गोहेम्प ने प्राचीन भारतीय हेम्प भवन निर्माण तकनीक को पुनर्जीवित किया है, जिसके लिए इन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चौलेंज में सम्मानित किया जा चुका है।

कार्यक्रम का सफल संचालन ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना द्वारा किया गया। इस अवसर पर रानीपुर विधायक माननीय श्री आदेश चौहान, जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, पूर्व विधायक मुकेश कोली, परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री के.एन. तिवारी, जिला विकास अधिकारी श्री वेद प्रकाश, बीडीओ बहादराबाद मानस मित्तल, बीडीओ रूड़की सुमन कुटियाल, जिला मिशन प्रबंधक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल, श्री अमित सिंह , बंबेंद्र रावत, शिवशंकर बिष्ट, मधुसूदन चौहान, काम सिंह, दरमियान सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी / कर्मचारी एवं हेम्प के तहत रोजगार से जुड़ी महिलाएं उपस्थित रहीं।

 

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *