रहस्यमयी सितारे स्टारलिंक के नेटवेवरहस्यमयी सितारे स्टारलिंक के नेटवेव

Secret of mysterious stars, ड्रोन नुमा रहस्यमयी सितारों के चमकने का राज़ क्या है?

Secret of mysterious stars, What is the secret behind the shining of these mysterious drone-like stars?

कहां से आ कर स्थापित हो गए हैं ये भारत के आसमान में, दुश्मन है या दोस्त।

Secret of mysterious stars, हर रोज रात को आसमान पर टिमटिमाते रहस्यमयी ड्रोन नुमा सितारे आखिर क्या है, युद्ध की परिस्थितियों और टैक्नोलॉजी के दौर में ये सितारे आम जनता में खौफ पैदा कर रहे हैं।

रहस्यमयी सितारे की फोटो मेरे फ़ोन से ऐसा दिखता है ये
रहस्यमयी सितारे की फोटो मेरे फ़ोन से ऐसा दिखता है ये

ये सितारे भारत भर में देखे जा रहे हैं, इन रहस्यमयी सितारों को देख कर लोग दुश्मन के ड्रोन की चिंता से भी अछूते नहीं हैं।
स्वाभाविक है कि कई अंजानी आशंकाओं के साथ जिज्ञासा और खोज दोनों का जन्म हो, आखिर क्या है ये सितारे जो एक ही जगह पर खडे रह कर उपर नीचे उछल-कूद करते नजर आते हैं।

रहस्यमयी सितारे  स्टारलिंक के नेटवेव
रहस्यमयी सितारे स्टारलिंक के नेटवेव
इंटरनेट से लिया चित्र 

टैक्नोलॉजी के तेजी से विकसित होते जिस दौर से हम गुजर रहे हैं वहां बहुत सी चीजें, बहुत से तीव्र बदलाव चमत्कार के साथ ही भयानक भी लगते हैं, क्रिमी लेयर या हायर सोसायटी की बात छोड़ दें तो तकनीकी की जानकारी समाज के बिचले स्तर पर भी बहुत देर से पहुंचती है, क्यों की विकास-यात्रा की जानकारियां बडे सूचना तंत्रो तक ही सीमित रह जाती है, जहां आम आदमी की पहुंच नहीं होती इसलिए तो छोटे सूचना तंत्रो की भूमिका बहुत बड़ी होती है, बिचले और निचले स्तर पर आने में इन तकनीकों की जानकारी को आज भी बरसों लग जाते हैं, इसके अलावा किसी भी तकनीकी के विस्तार में आने से पहले इन तकनीकों से लाभ उठकर सिस्टम को अपने कंट्रोल में रखने के लिए भी एक वर्ग विशेष प्रचार प्रसार पर नियंत्रण रखता है।

ऐसी ही एक तकनीकी विकास की जानकारी है ये टिमटिमाते रहस्यमयी ड्रोन रुपी सितारे
इंटरनेट सेवाओं की क्षमता को कोने कोने तक पहुंचाने का एक अभियान है, जिसमें अमरीकी अरबपति ऐलन मस्क की कम्पनी स्टार लिंक भारत में 6G सेवाओं में क्रांति लाना चाहती है,सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवाओं के लिए पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में (पृथ्वी से करीब 400-500 किलोमीटर ऊपर) बहुत सारे सैटेलाइट्स को छोड़ा जाता है. इन सैटेलाइट्स के जरिए हम स्पेस से डायरेक्ट इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं,

ख़बरें हैं कि एलनमस्क की कम्पनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है।

सम्भावना जताई जा रही है कि एलनमस्क की कम्पनी भारत में 840 रुपये महिने पर अनलिमिटेड इंटरनेट डाटा हमें प्रोवाइड करायेगी।

आखिर इस सैटेलाइट इंटरनेट की आवश्यकता क्या है दरअसल अभी तक जो इंटरनेट सेवाएं हमें प्राप्त हो रही है वो 2G, 3G, 4G और अब 5G. ये हमारे गिर्द-गिर्द लगाए गए मोबाइल टावरों के जरिए हम तक पहुंचती है ये सभी टावर एक दूसरे से अंडरग्राउंड तारों के जरिए कनेक्ट रहते हैं, फिर इनका कनेक्शन तारों के जरिए हमारे घरों तक पहुंचता है, लेकिन सैटेलाइट कम्यूनिकेशन में ऐसा नहीं होता है. इसमें किसी तरह के तार या टावर्स की जरूरत नहीं होती है,अंडरग्राउंड तारों का जाल नहीं बिछाना पड़ता, ये सीधा सैटेलाइट से हमारे डिवाइसेज तक पहुंचते हैं।

इसके लिए लिये सम्भवतः एक रिसीवर या राऊटर के माध्यम से हम जुड सकेंगे जिसके लिए मासिक भुगतान सम्भवतः 840/रु प्रति माह तय किया जाने वाला है।

अभी पिछले दिनों एलनमस्क और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार के विस्तार पर लम्बी मीटिंग भी हुई थी एलनमस्क की कम्पनी के अधिकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी मिले थे, स्टार लिंक और एलनमस्क दोनों ही शक्ति शाली और अधिक समर्थ है शीघ्रता से अपना जाल फैला सकते हैं लेकिन भारत की इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनीयों का क्या होगा ।
माना जा रहा है कि भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी कंपनियां स्टारलिंक के साथ पार्टनरशिप करके भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने में मदद करेंगी।

जानकारी मिली है कि अभी तक भारतीय कम्पनियों और एलनमस्क के बीच ठनी हुई थी लेकिन अब मसला हल है चुका है और पार्टनरशिप करके सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा।

जैसा कि बताया जा रहा है कि स्टारलिंक द्वारा 25 फरवरी, 2025 तक ऑर्बिट में करीब 7,086 सैटेलाइट छोड़े जा चुके हैं, जिसमें से 7,052 काम कर रहे हैं, ये वो ही रहस्यमयी सितारे हैं जो हमें आज डरा रहे हैं लेकिन कल ये हमारे मनोरंजन और जानकारियों का रास्ता बनने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि ऐसे सितारे जो अभी हमें तेजी से जगह जगह देख रहे हैं ये थोडी कम संख्या में हमारे आसमान में पहले से ही
ISRO के द्वारा पिछले साल 36 वनवेब सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में स्थापित किया जा चुका है,एयरटेल के निवेश वाली कम्पनी OneWeb ने सैटेलाइट सेवाएं शुरू करने की बहुत जल्द ही वो 5G इंटरनेट सेवाएं देश में शुरू कर सकती है।

ये टिमटिमाते रहस्यमयी सितारे हमारे लिए उन परिस्थितियों में सहायक सिद्ध होंगे जब हम या हमारा कोई कहीं विकट परिस्थितियों में फंस जाता है और उससे सम्पर्क का कोई माध्यम नहीं होता, अथवा किसी आपदा ‌में सम्पर्क माध्यम नष्ट हो जाते हैं तो इंटरवेव तारक साबित होगा, इसके अलावा वो ऐसे क्षेत्र जहां इंटरनेट सेवाओं को स्थापित करना मुश्किल है वहां इंटरवेव की बड़ी भूमिका हो सकती है, अतः ये टिमटिमाते रहस्यमयी सितारे डरने की नहीं प्रसन्नता की बात है।

By Shashi Sharma

Shashi Sharma Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, she provided her strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got her pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of her pen. Delivered.

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