वन विभाग ने दावानल रोकथाम और भावी प्रबंधन के लिए राजस्व विभाग, जल निगम, हंस फाउंडेशन, पुलिस और अन्य विभागों के साथ मिलकर गरुड़ तहसील में एक वृहद गोष्ठी का आयोजन किया। इसका उद्देश्य दावानल से होने वाले नुकसान को कम करना और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना था।
गोष्ठी में क्षेत्र के संवेदनशील और अति संवेदनशील वन पंचायतों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जंगलों को बचाने वाली ग्राम समितियों को वन विभाग 30 हजार रुपये देगा। गोष्ठी में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दावानल प्रबंधन के लिए जागरूकता कार्यशालाओं की शुरुआत की। अब तक गड़खेत रेंज में 62 बैजनाथ रेंज में 65 कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
बैजनाथ और गड़खेत रेंज में कुल 12 क्रू स्टेशनों की स्थापना की गई है। प्रत्येक स्टेशन पर चार फायर वॉचर तैनात किए गए हैं, जो जंगल की आग पर नजर रखेंगे और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। वन पंचायतों का वर्गीकरण दावानल के जोखिम के आधार पर वन पंचायतों को संवेदनशील और अति संवेदनशील श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
ग्राम स्तर पर वनाग्नि प्रबंधन समिति दावानल से निपटने के लिए ग्राम स्तर पर वनाग्नि प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। इसमें ग्राम प्रधान/सरपंच, समिति के प्रमुख रेंजर सचिव ग्राम पंचायत बनाए गए। एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने कहा कि अपने जंगलों को आग से बचाने वाली ग्राम समितियों को तीस हजार की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। इस मौके पर तहसीलदार, रेंजर गड़खेत, रेंजर बैजनाथ, हंस फाउंडेशन के सदस्य, पुलिस विभाग बैजनाथ, जेई जल निगम मौजूद रहे।