*✨मोतियाबिंद आपरेशन शिविर के माध्यम से परमार्थ निकेतन में योग टीचर ट्रेनिंग के लिये विश्व के अनेक देशों से आये योग साधकों ने सेवा योग का किया साक्षात अनुभव*

*💥योग केवल चटाई पर नहीं, जीवन में सेवा के रूप में भी उतरे*

*🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन एवं डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं नेत्र जांच शिविर में अब तक 350 से अधिक रोगियों ने पंजीकरण कर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लिया। विगत दो दिनों से हो रहे मोतियाबिंद आपरेशन में उत्तराखंड़, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और राजस्थान आदि कई क्षेत्रों से आये लोग चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अमेरिका से भेजे अपने संदेश में कहा कि योग केवल चटाई पर नहीं होता बल्कि योग चटाई के बाहर भी होता है अर्थात योग आपके कर्मों में, आपकी करुणा में, आपकी सेवा में भी होना चाहिये।

परमार्थ निकेतन वर्षों से इस बात का जीवंत उदाहरण रहा है कि योग केवल शरीर को स्वस्थ करने का अभ्यास नहीं, बल्कि आत्मा को परिष्कृत करने का मार्ग भी है। यहाँ योगाभ्यास के साथ-साथ सेवा, करुणा और समर्पण को भी उतनी ही प्राथमिकता दी जाती है।

परमार्थ निकेतन, प्रतिवर्ष मोतियाबिंद आपरेशन व नेत्र चिकित्सा शिविर के माध्यम से हजारों लोगों को दृष्टि प्रदान कर चुका है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में जरूरतमंद मरीजों के सफल मोतियाबिंद ऑपरेशन कराए जा रहे हैं। ये सभी सेवाएं पूर्णतः निःशुल्क रूप से की जाती हैं।

स्वामी जी ने कहा कि जब हम सेवा करते हैं, तो हम अपने भीतर की करुणा और दिव्यता से जुड़ते हैं। यही योग का वास्तविक लक्ष्य है, आत्मा का आत्मा से मिलन और यह मिलन केवल ध्यान में नहीं, सेवा से भी होता है।

परमार्थ निकेतन की पावन भूमि पर योग साधक न केवल योग के शारीरिक पहलुओं को सीख रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और ऋषि परंपरा के उस मूल स्वरूप से भी जुड़ रहे हैं जिसमें सेवा ही साधना है, और कर्म ही भक्ति है का मूल समाहित है।

योग साधकों ने नेत्र परीक्षण व ऑपरेशन के लिए आए वरिष्ठ नागरिकों की सेवा व सहायता के माध्यम से योग के द्वारा ‘कर्मयोग’ और ‘सेवा योग’ स्वरूप का जीवंत साक्षात्कार किया।

परमार्थ निकेतन में आयोजित मोतियाबिंद आपरेशन शिविर में मुम्बई से आये डॉ. परेश मुस्तफा अहमदी, डॉ. स्मिता कृष्णमूर्ति, डॉ. राजश्री सालुंखे, श्रीमती राजश्री शैलेश, भूवनेश्वरी जी, गुरु प्रसाद जी, प्रेमराज जी, डॉ. राठी जी, डॉ. एस.पी. मिश्रा जी, डॉ. आशीष जी और बरेली से आयी सेवा टीम अद्भुत सहयोग प्रदान कर रही है। सभी चिकित्सक और सेवा टीम परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा जी की आरती, विश्व शान्ति यज्ञ और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में सहभाग कर आध्यात्मिक शान्ति का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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