मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन’ में बतौर मुख्यतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण एवं कृषकों का उत्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरा में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जहां एक ओर किसान भाईयों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, शोध परिणामों एवं उत्तम बीज-खाद आदि के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं दूसरी ओर यहाँ पर लगे विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उन्हें औद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खेती जैसी कृषि की अन्य विधाओं के बारे में भी विषय विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी मिलता है। उन्होंने कृषि जगत के इतने महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को बधाई दी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड को कुशल एवं समृद्ध बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। आज मोदी सरकार द्वारा जहां एक ओर देश में विभिन्न योजनाओं, अभियान के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं, वहीं किसानों की आय में बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के देने के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण खरीदने एवं एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने पर 80 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। चाय बागान धौला देवी, मुनस्यारी एवं बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप परिवर्तित किये जाने का काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सगंध खेती को भी बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। 6 एरोमा वैली विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं, नवाचारों एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्तराखंड के किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार के बजट में किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए 463 करोड़ का रूपये का अलग से प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का उत्थान सुनिश्चित करने कि दिशा में गोविन्द बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर लम्बे समय से कार्य कर रहा है। 1960 से लेकर लगातार यह विश्वविद्यालय न केवल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए-नए शोध कार्य कर रहा है, बल्कि देश में प्रतिभावान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की नई पौध को भी विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इसी क्रम में यहां आयोजित हो रहा ये कृषि विज्ञान सम्मेलन उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और अधिक समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस सम्म्मेलन में आए किसानों से आह्वान किया कि यहाँ लगाए गए विभिन्न स्टॉलों को देखनेे के साथ-साथ इस सम्मेलन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, डिजिटल कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट पशुधन पालन जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली पैनल चर्चाओं एवं सेमिनार में भी अवश्य प्रतिभाग करें। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नई-नई तकनीकों के साथ-साथ कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के प्रति एक नया विजन सामने आयेगा।

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम एस चौहान ने सम्मेलन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 16 देशों के वैज्ञानिक इस कृषि महाकुम्भ में प्रतिभाग कर रहे हैं, साथ ही 500 से अधिक प्रगतिशील कृषक भी प्रतिभाग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग व प्रेरणा से इस कृषि सम्मेलन का आयोजन सम्भव हो पाया है।

इस दौरान मेयर विकास शर्मा, गजराज बिष्ट, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक और कृषक उपस्थित थे।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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