निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप है करवाचौथ का व्रत।

महिलाओं ने पूरे उत्साह और धूमधाम से किया चौथ माता का पूजन।

करवाचौथ व्रत पर विवाहिता महिलाओं ने अपने सुहाग, सौभाग्य की रक्षा और पति की लम्बी आयु की प्रार्थना करते हुए चौथ माता की पूजा अर्चना कर सौभाग्य की वस्तुएं चौथ माता को अर्पित कीं।

निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप है करवाचौथ का व्रत।
निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप है करवाचौथ का व्रत।

वर्ष भर में एक बार आने वाले सुख सौभाग्य के इस पर्व का महिलाएं बेसब्री से इंतज़ार करतीं हैं, निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप सरीखा करवाचौथ व्रत संध्या के समय सामूहिक पूजा-अर्चना के साथ अलग ही छटा बिखेर जाता है।
मेंहदी लगे हाथों और सोलह श्रृंगार के साथ चौथ माता की पूजा करती महिलाओं को देखने लोग प्रतिक्षा करते हैं, करवाचौथ का पर्व पतिव्रता महिला के समर्पण और विश्वास से जुड़ा है।

निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप है करवाचौथ का व्रत।
निर्जल व्रत उपवास के बावजूद अपने वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं का तप है करवाचौथ का व्रत।

इस वर्ष भी आज 1नवम्बर को करवाचौथ पर जगह जगह पूजा-अर्चना के आयोजन सम्पन्न हुए, हरिद्वार की बिलकेश्वर कालोनी में कालोनी के अध्यक्ष विरेंद्र चढ्ढा के आवास पर उनकी पत्नी अंजना चढ्ढा की देखरेख में महिलाओं ने सामूहिक रूप से चौथ माता की पूजा अर्चना की , सामाजिक सौहार्द के बीच महिलाओं ने चौथ माता की कथा सुनते हुए थाल फिराने की रस्म अदा की।
आशिर्वादों और शुभकामनाओं के बीच नव विवाहिताओं ने सभी सुहागन महिलाएओं से सुंदर वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया।

केवल महिलाएं ही नहीं करवाचौथ की प्रतीक्षा पूरा व्यापारी वर्ग करता है,चूडी, बिंदी कपड़े मिठाई सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का भारी व्यापार करवाचौथ से जुड़ा हुआ है, अब तो बदलते समय के साथ बड़ी-बड़ी कम्पनियां करवाचौथ को व्यवस्थित रूप से भुनाने का प्रयास करतीं हैं। -देखें वीडियो

 

 

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