Ashvamegh yagy,शांति कुंज, संस्थापिका भगवती देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 पर देश विदेश में अश्वमेध यज्ञ आयोजित करेगा।

Ashvamegh yagy, Shanti Kunj, on the birth centenary year 2026 of founder Bhagwati Devi, will organize Ashwamedh Yagya in the country and abroad.

मुम्बई में 2024 में होगा पहला अश्वमेध महा यज्ञ।

वेदमाता गायत्री साधक में शक्ति का संचार करती है- डॉक्टर ओपी शर्मा

Ashvamegh yagy,हरिद्वार 11 अगस्त वर्ष 2026 गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा का  जन्मशताब्दी वर्ष है,शांतिकुंज वर्ष 2026 से पूर्व देश के कोने-कोने में गायत्री, यज्ञ व भारतीय संस्कृति को पहुंचाने के लक्ष्य लेकर चल रहा है।

Ashvamegh yagy,शांति कुंज, संस्थापिका भगवती देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 पर देश विदेश में अश्वमेध यज्ञ आयोजित करेगा।
Ashvamegh yagy,शांति कुंज, संस्थापिका भगवती देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 पर देश विदेश में अश्वमेध यज्ञ आयोजित करेगा।

Ashvamegh yagy,शांति कुंज, संस्थापिका भगवती देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 पर देश विदेश में अश्वमेध यज्ञ आयोजित करेगा।

इन्हीं उद्देश्यों को लेकर आगामी दिनों में देश-विदेश के अनेक स्थानों में अश्वमेध गायत्री महायज्ञ, 108, 51, 24 व 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का शृंखलाबद्ध आयोजन प्रस्तावित है, ashvamegh yagy

इन्हीं कार्यक्रमों के संचालन के लिए शांतिकुंज में केन्द्रीय टोली पुनर्बोध प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें प्रतिभागियों को यज्ञ, संस्कार, भारतीय संस्कृति के विस्तार हेतु विविध विषयों पर विषय विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे।

पांच दिवसीय इस पुनर्बोध प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ केन्द्रीय जोनल समन्वयक डॉक्टर ओपी शर्मा, शिवप्रसाद मिश्र आदि वरिष्ठ केन्द्रीय प्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।

प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉक्टर ओपी शर्मा ने कहा कि मनुष्य की पहचान उनके वैचारिक शक्ति से होती है। वेदमाता गायत्री की साधना  साधक में शक्ति का संचार करती है।

माँ गायत्री मनोयोगपूर्वक साधना में जुटे साधक का आत्मिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए पथ प्रशस्त करती है।

गायत्री धर्म वर्ग, सम्प्रदाय से ऊपर है। अपने पांच दशक से अधिक के अनुभवों का उल्लेख करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि गायत्री महामंत्र का जप प्रत्येक मनुष्य कर सकता है।

श्रीमती संध्या तिवारी ने  नारी को स्वयं की शक्ति को पहचानने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

श्रीमती सुशीला अनघोरे ने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य श्री के दिव्य स्वप्न इक्कीसवीं सदी नारी सदी के उद्घोष पर विस्तृत जानकारी दी।

शिविर समन्वयक ने बताया कि पाँच दिन चलने वाले पुनर्बोध शिविर में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉक्टर प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी विशेष मार्गदर्शन व आशीर्वचन देंगे,ashvamegh yagy

उन्होंने बताया कि मुम्बई में जनवरी २०२४ में ashvamegh yagy,अश्वमेध गायत्री महायज्ञ निर्धारित है। अश्वमेध महायज्ञ की तैयारी के हेतु अगले माह कई टोलियाँ रवाना होंगी।

प्रशिक्षण शिविर में झारखण्ड, मप्र, गुजरात, दिल्ली आदि राज्यों के चयनित प्रशिक्षक उपस्थित रहे, ashvamegh yagy.

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