Sanskrit, संस्कृत अध्ययन के द्वारा ही भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हो सकती है – ऋषिश्वरानंद।

Sanskrit, India’s culture and civilization can be protected only through the study of Sanskrit – Rishishwaranand

संस्कृत की वर्तमान में अत्यधिक मांग है अतः योग्य बनकर संस्कृत व संस्कृति का कार्य करें छात्र – वाजश्रवा आर्य

Sanskrit, शनिवार को श्री चेतन ज्योति संस्कृत विद्यालय हरिद्वार विद्यालय में प्रविष्ट नए संस्कृत छात्रों का “नूतन प्रवेश उत्सव” 2025 -26 छात्रों अभिभावकों एवं अध्यापकों की उपस्थिति में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया ।

श्री चेतन ज्योति संस्कृत विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में महंत ऋषिश्वरानंद महाराज की अध्यक्षता में तथा सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा जनपद हरिद्वार एवं सचिव उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के मुख्य आतिथ्य में संस्कृत पढने आये नव प्रविष्ट संस्कृत छात्रों क़ो “नूतन प्रवेश उत्सव” 2025 -26 में छात्रों को संबोधित करते हुए अखिल भारत युवा साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने समय की बलवत्ता पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से कहा कि समय को बिल्कुल भी बर्बाद नहीं करना चाहिए जो लोग समय का उपयोग करते हैं वही आगे अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं ।

Sanskrit, संस्कृत अध्ययन के द्वारा ही भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हो सकती है - ऋषिश्वरानंद।
Sanskrit, संस्कृत अध्ययन के द्वारा ही भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हो सकती है – ऋषिश्वरानंद।

मुख्य अतिथि वाजश्रवा आर्य ने कहा कि छात्र को हमेशा लक्ष्य निर्धारित करके अपने आचार्यों के पास विद्या अध्ययन करना चाहिए एवं संस्कृत की वर्तमान में अत्यधिक मांग है अतः योग्य से योग्य बनकर संस्कृत व संस्कृति का कार्य करना चाहिए ।

विद्यालय के प्रधानाचार्य आचार्य सर्वेश कुमार तिवारी ने कहा कि छात्र अपने लक्ष्य एवं समय की उपयोगिता के द्वारा संस्कृत के छात्र सैन्य सुरक्षा विभाग में ,शिक्षा विभाग में व्यापार विभाग में एवं राजनीति विभाग में ,चिकित्सा विभाग में ,व अन्य सामाजिक विभागों में संस्कृत की धरोहर को लेकर के समाज सेवा कर सकते हैं ,और अपनी उत्तम जीविकाएं उपार्जित कर सकते हैं ।

सभा के अध्यक्ष आश्रम पीठाधीश्वर विद्यालय के प्रबंधक महंत ऋषीश्वरनन्द महाराज ने कहा कि निरंतर संस्कृत अध्ययन के द्वारा ही भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हो सकती है इसका पूर्ण दायित्व नये प्रविष्ट छात्र युवाओं पर ही निर्भर है, अतः सभी छात्रों को मेरा संदेश है की एक निष्ठ होकर संस्कृत में प्रवीण हों तथा ऋषियों की अनन्त काल की ज्ञानधरोहर को समाज की सेवा में लगायें ।

सभा का संचालन कमल किशोर जोशी ने किया , इस शुभ अवसर पर श्रीमती तारा देवी श्रीमती हर्ष कालरा ,आचार्य महीधर प्रसाद सती, आचार्य महेश नौटियाल आचार्य आर्य नंदन पांडे ,चेतन चौबे आदि आचार्य गण एवं अभिभावक गण उपस्थित रहे ।

By Shashi Sharma

Working in journalism since 1985 as the first woman journalist of Uttarakhand. From 1989 for 36 years, he provided his strong services for India's top news agency PTI. Working for a long period of thirty-six years for PTI, he got his pen ironed on many important occasions, in which, by staying in Tehri for two months, positive reporting on Tehri Dam, which was in crisis of controversies, paved the way for construction with the power of his pen. Delivered.

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